इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान के नोएडा व इंदिरापुरम में घरों पर दबिश

बरामदगी की रकम में से 70 लाख रुपये डकारने के मामले में फरार महिला इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान की पुलिस ने घेराबंदी तेज कर दी है। एंटी करप्शन कोर्ट से सर्च वारंट मिलने के बाद पुलिस ने इंस्पेक्टर केनोएडा व इंदिरापुरम स्थित घरों पर दबिश दी। दोनों घरों का कोना-कोना खंगाला, लेकिन रकम बरामद नहीं हो सकी। जिसके बाद पुलिस घरों में मौजूद लोगों से पूछताछ कर लौट आई।


 

गौरतलब है कि साहिबाबाद साइट-4 औद्योगिक क्षेत्र स्थित सीएमएस इंफो सिस्टम कंपनी एटीएम में कैश डालने का काम करती है। कंपनी ने 22 अप्रैल को लिंक रोड थाने में कंपनी के कैश कस्टोडियन एजेंट राजीव सचान पर करीब 72.50 लाख रुपये गबन करने का केस दर्ज कराया था। कंपनी की जांच में मामला साढ़े तीन करोड़ रुपये के गबन का निकला। 

पुलिस ने 24 सितंबर की रात राजीव सचान को साथी आमिर के साथ गिरफ्तार कर उनसे 1.15 करोड़ रुपये बरामद किए थे, लेकिन पुलिस ने फर्द में महज 45 लाख 81 हजार 500 रुपये बरामदगी दिखाई। 70 लाख की गड़बड़ी सामने आने पर एसएसपी ने लिंक रोड की एसएचओ लक्ष्मी सिंह चौहान सहित सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। साथ ही सभी के खिलाफ लिंक रोड पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। तभी से सभी पुलिसकर्मी फरार चल रहे हैं।

एसएचओ के आवास से 1.19 लाख हो चुके हैं बरामद
जांच अधिकारी सीओ द्वितीय आतिश कुमार सिंह ने चार दिन पहले लिंक रोड थाने में स्थित एसएचओ के आवास पर छापामारी की थी। सर्च के दौरान अलमारी में सीएमएस कंपनी का बैग रखा मिला, जिसमें 1.19 लाख रुपये बरामद हुए। बाकी रकम बरामद करने के लिए पुलिस ने पुलिसकर्मियों के घरों की तलाशी के लिए सर्च वारंट की अर्जी मेरठ एंटी करप्शन कोर्ट में लगाई थी। मंगलवार को कोर्ट ने सर्च वारंट जारी कर दिए थे।

नोएडा में परिजन मिले, इंदिरापुरम में किराएदार
सीओ आतिश कुमार ने बताया कि क्लियो काउंटी (नोएडा) व वैभवखंड (इंदिरापुरम) में इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान के दो घरों का पता चला। सर्च वारंट लेकर वहां दबिश दी गई। नोएडा स्थित घर में इंस्पेक्टर के माता-पिता व बच्चे मिले, जबकि इंदिरापुरम स्थित घर में किराएदार मिले। पूछताछ में इंस्पेक्टर के संबंध में कोई जानकारी नहीं लग सकी और न ही रकम बरामद हुई।

बाकी पुलिसकर्मियों के घर रात में दी जाएगी दबिश
सीओ ने बताया कि बाकी पुलिसकर्मी अलीगढ़, आगरा और बुलंदशहर के रहने वाले हैं। बुधवार रात से उनके यहां भी दबिश दी जाएगी। सर्च वारंट रकम की बरामदगी के लिए मिला है, लिहाजा रकम बरामद करना पुलिस की पहली प्राथमिकता है। सीओ ने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों की संपत्ति की जांच के लिए रिपोर्ट पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को भेज दी गई है


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