देश भक्ति की कहानी

बात 30 अगस्त 1965 की है। ड्राइवर कमल नयन मलेरकोटला पंजाब से ट्रक PNR 5317 में 90 क्विंटल गेहूं लादकर दिल्ली आ रहे थे। रास्ते में सेना के जवानों ने उनके ट्रक को रोका और कहा कि पाकिस्तान से जंग छिड़ गई है। हमें आपके ट्रक और आपकी मदद चाहिए। कमल नयन ने ट्रक में लदी 90 बोरियाँ सड़क पर ही उतार दीं और ट्रक में गोला-बारूद भरकर सेना की मदद के लिए बॉर्डर की तरफ़ चल दिए। जंग करते हुए वे पाकिस्तान के स्यालकोट सेक्टर पहुँच गए। पाकिस्तानी सैनिकों और तोपों को छकाते हुए सेना का बारूद लेकर पहुँचे। कई वार तो उन्होंने ट्रक पाकिस्तानी सैनिकों पर फ़िल्मी स्टाइल में चढ़ा दिया। भारत सरकार ने ट्रक ड्राइवर कमल नयन को सेना के कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने के अदम्य साहस पर 'अशोक चक्र' देकर अलंकृत किया।


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