गाय आवारा नहीं बल्कि मनुष्य आवारा है: राजेंद्र दास


गोवर्धन सुर साधना स्थली गांव
परासौली स्थित तीन दिवसीय
गो.गोपाल मिलन महोत्सव का समापन
संत विद्वत सम्मेलन, हवन यज्ञ एवं
भंडारे के साथ हुआ महोत्सव में
मलूक पीठाधीश्वर संत राजेन्द्र दास
महाराज ने कहा कि शासन और समाज
दोनों को मिलकर निराश्रित गोवंश के
लिए व्यवस्था करनी चाहिए। गाय को
आवारा कहना अपराध है। गाय तो
माता का स्वरूप है। पुत्र आवारा होते
हैं तो बेचारी माता परेशान रहती है।
गाय को आश्रय नहीं दे पा रहे हैं।
उसकी सेवा नहीं की जा रही है। आवारा
गाय नहीं बल्कि आवारा मनुष्य है।
गो.गोपाल से पूज्य ठाकुर दास बाबास्वयं जाकर मिल गये हैं। उसकी प्रेरणा
से ही गाय की रक्षा के अनेकों प्रकल्प
चलाये जा रहे हैं। इस अवसर पर
उपजिलाधिकारी गोवर्धन राहुल यादव,
नायब तहसीलदार सतीश बघेल, संत
राघवेन्द्र दास, माधव दास कौशिक,
कृष्णा शर्मा आदि थे।


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