जीवन के पांच सूत्र (महत्वपूर्ण बात)

*आज हम आपको जीवन कें 5 सूत्र बताते है कृपया इन पर अमल करके इन्हे अपने जीवन मे धारण करने क़ा प्रयास कर
..
*1. शिक्षा ...*
शिक्षा वों शेरनी क़ा दूध है जो पिएगा वों दहाड़ेगा  और जो नहीं पिएगा वों जानवरो की तरह आवाज करेगा , इसलिए याद रखना आप कुछ भी करे , कैसे भी अपने बच्चो को पढ़ाए । 
अगर आप अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा नहीं डे सकते है तो याद रखना जिंदगी मे कोई भी बड़ा काम नहीं कर सकते है । 
...
*2. संस्कार ..*
चाहे जितनी अच्छी शिक्षा दिला देना , अगर बच्चो को अच्छे संस्कार आप नहीं देंगे तो ये बच्चे बुढ़ापे मे आपका सम्मान नहीं करेगे । 
और हम बहुत से परिवारो को देख चुके जिन्होने अपने बच्चो को बहुत पढ़ाया , तरह तरह की डिग्री दिला दी , लेकिन आज उन्हे बुढ़ापे मे सम्मान नहीं मिल रहा है । 
इसलिए मेरा अनुरोध है की शिक्षा कें साथ साथ आप अपने बच्चो को संस्कार भी दे । 
....
*3. संगति*
चाहे जितनी अच्छी शिक्षा दिला देना , चाहे जितने अच्छे संस्कार दिला देना कुछ नहीं होने वाला है जब तक आप अपने बच्चो की संगति पर ध्यान नहीं देंगे । 
ये ध्यान रखना होंगा आपको , आपकी शिक्षा आपके संस्कार तभी आपके काम आएंगे , जब आपके बच्चो की अच्छी संगति होगी । 
और बच्चे अच्छी संगति तब कर सकते है जब माँ बाप की अच्छी संगति हो । 
....
*4. एकता*
हम देखते है आज घरो की परिवारो की गाव की शहरो की देश की एकता विखंडित हो रही है, लोग जाति कें नाम पर लोग काले और गोरे कें नाम पर , वर्गभेद कें नाम पर, ऊंचनीच कें नाम पर, तरह तरह की जातियो कें नाम बटते
चले ज़ा रहे है । 
याद रखना हमनें पशु पंछियों मे इतनी एकता देखी है जिनकी मिसाल आज हम आपके सामने देना चाहते है , 
मधुमक्खी की हमनें एकता देखी है , जंगलीजानवरो की एकता देखी है , 5-7 सियार साथ मिलकर एक शेर को मार गिराते है क्यु क्युकि सियारों की एकता है । 
हम चाहते है की हमारा देश हमारा समाज , समाज मे रह रहे सभी लोग एकता कें साथ रहे , हर परिवार मे एकता रहे । 
.....
*5. व्यक्तिगत पहचान*
जिस व्यक्ति की व्यक्तिगत पहचान नहीं होती वह किसी काम क़ा नहीं होता , इसलिए आप प्रयास करे, इस संसार मे यदि आपको जन्म मिला है तो आप कुछ ऐसा कार्य करे जिससे आपकी पहचान बने । 
कुछ ऐसा विशेष सुन्दर कार्य रचनात्मक कार्य करे कुछ अच्छा कार्य करे , कुछ कुशल कर्म करे जिससे आपकी पहचान बने । 


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