आज के नेता
*-:आज के नेता:-*
आज के नेता
देशका के दर्द का प्रणेता।
आज के नेता का भक्त
राजनीति पैदा हुआ बेबक्त।
आज का तंत्र क्या कहे ,
लूट का खुला मंत्र
आज की शिक्षा
पढ़े लिखे माँग रहे
एक नौकरी की भिक्षा।
आज की देशभक्ति
पिज्जा खा कर लाये शक्ति।
आज का युवा
अपनी जड़ों से जुदा हुआ।
आने वाली नश्ले
हाईब्रेट की फसलें।
आज का किसान
गौ सड़क पर
शायद इसीलिए है परेशान।
आज के फ़िल्मी सितारे
सबुनमंजन बेच कर
जनता को मूर्ख बना रहे।
आज के धर्म के ठेकेदार
धर्म के मर्म को सनझे नही
धर्म समझाने को बेकरार।
बस यही मन का मर्म है
आज धन - गन के बल पर धर्म है।
शायद इसीलिए
धर्म का बाजार बहुत गर्म है।
अभी वक्त है मान भी जाओ
भाई को भाई से ना लड़वाओ
आज जो नही बोल रहा ,
दाल रोटी में जो फंसा हुआ है
उसका खून ना खौलाओं।
आओ एक संकल्प उठाये
भारत फिर से भव्य बनाएं
हम हिंदू रहे हम मुस्लिम रहे
अपने घर की चारदीवारी में
भारत को विश्व गुरु बनाये
दुनिया की फुलवारी में !!
*✍ कौशलेंद्र वर्मा।*
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