एक अनोखा सवाल

बैल नहीं हूँ मैं, भाई हूँ तेरा,
गैर नहीं हूँ मैं, भाई हूँ तेरा, 
तेरे कंधे से कंधा मिला कर 
काम किया है तेरे लिए,
एक दिन नहीं किया
सदियों तक किया है,
तुझ पर कर्ज है मेरा,
तुझ पर कर्ज है मेरा।
गैर नहीं हूँ मैं,
भाई हूँ तेरा।।
माना कि ट्रैक्टर जल्दी काम करता है,
लेकिन उस कि किश्त तू रो कर भरता है।
डीजल फूंक कर प्रदुषण ना कर,
मत पैसे फूंक मुझ से काम ले,
मैं ही मर्ज ह़ु तेरे कर्ज का।
समझ ये बात 
पर्यावरण बचा खुद बच मुझे बचा।
परिवार का सदस्य हुं तेरा,
गैर नहीं हूँ मैं,
भाई हूँ तेरा।
चारा काट मुझ से बिजली बचा,
ओरों को भी खिला मुझको भी खिला।
आटा पीस मुझ से, 
मेरे द्वारा पीसा आटा ठंडा होगा,
खाओगे तो सेहत अच्छा होगा।
तेल निकाल, कोह्लु में जोड़,
मैं ह़ु हर काम का तोड़।
हिन्दू, मुश्लिम, सिख, ईसाई।
मैं तो हुं हर किसान का भाई।।
काम ले मुझ से कर्ज चुका मेरा।
बैल नहीं हूँ मैं, भाई हूँ तेरा।
गैर नहीं हूँ मैं,  भाई हूँ तेरा।।
गैर नहीं हूँ मैं...... 


सभी का एक सवाल है कि बैल का क्या किया जाए??
जवाब नीचे चित्र में ये अनपढ़ किसान दे रहा है। ये बैल 1000 किलो चारा काट देगा, पांच किलो खा भी लेगा तो भी सब शुद्ध बचत है, क्योकिं उस पांच किलो से ये आप को जैविक खाद देगा जो संसार कि किसी फैक्ट्री में नहीं बन सकती। 


जब एक दो एकड़ का किसान यह काम कर सकता है तो सैकड़ों एकड़ में फैली गौशालाएं क्यों नहीं???


जागो, जगाओ, खुद बचो, धरती बचाओ।।।


✍ कौशलेंद्र वर्मा।


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