गुण हल्दी की

*-:गुण हल्दी की:-*


नजला, जुकाम, नाक बहना, नाक रुकना, बार बार छींक आना, नाक मे एलर्जी-• 
इस दवाई के गुण हल्दी की क्वालिटी पर निर्भर हैं।• जितनी अच्छी हल्दी होगी उतना ही अधिक लाभहोगा।• 100 ग्राम साबुत हल्दी लें।• घुन लगे टुकड़ों को निकाल दे।• अच्छा होगा कि कच्ची हल्दी जो बाजार मे सब्जी बेचने वाले बेचते हैं वह ले।• उसके छोटे छोटे टुकड़े काट कर सूखा ले।• पीसी हुई हल्दी ना ले।• साबुत हल्दी के छोटे छोटे (गेहूं या चने के समान) टुकड़े कर ले।• एक लौहे की या पीतल की कड़ाही ले। ना मिले तो एल्यूमिनियम की कड़ाही ले।• स्टील या नॉन स्टिक की ना ले।• उसमे लगभग 25 ग्राम देशी घी डालकर हल्दी के टुकड़े धीमी आग पर भुने।• यदि किसी को घी नहीं खाना है तो वह बिना घी के भून सकता है।• हल्दी को इस प्रकार गरम करे कि ना तो वह जले और ना ही कच्ची रहे।• अब इसे आग से उतार कर पीस कर रख ले।
प्रयोग विधि—• 1 छोटा चम्मच यह भुनी हुई हल्दी + 10 ग्राम गुड प्रतिदिन सुबह या शाम गरम दूध से ले।• जो अक्सर यात्रा करते हैं वह यह करे।• हल्दी और गुड बराबर मिलाकर रख ले।• 2 चम्मच यह दवाई गरम पानी से ले।• साथ मे बर्फी या पेड़ा खाए।• चाय से ना ले। चाय से कोई लाभ नहीं होगा।• लेने के 1 घण्टे तक ठंडा पानी ना पिए।• यह दवाई धीरे काम करती है।• लगभग 1 सप्ताह प्रयोग से कुछ लाभ होता है।• स्थायी लाभ के लिए कम से कम 3 महीने प्रयोग करे।• जो अधिक परेशान हैं वह सुबह और शाम प्रयोग करे।• बच्चो को आयु के अनुसार कम मात्रा दे।• गर्भवती स्त्री को भी दे सकते हैं।• नाक की एलर्जी इस्नोफिलिया आदि सभी ठीक हो जाते हैं।
*✍ कौशलेंद्र वर्मा।*


Comments

Popular posts from this blog

श्रीमद् भागवत कथा कलश यात्रा में महिलाओं ने लिया भारीख्या में भाग

खोड़ा मंडल मे अनेकों शक्ति केंद्र के बूथों पर सुनी गई मन की बात

भारतीय मैथिल ब्राह्मण कल्याण महासभा संगठन मैथिल ब्राह्मणों को कर रहा है गुमराह