हमारे पूर्वजों ने दिया वरदान

हमें हमारे पुर्वजों ने वरदान स्वरुप गौ माता के रुप में हमें गौसेवा का संस्कार दे गए ।जो घास और  भूष खा कर हमें अमृत तुल्य दुग्ध प्रदान करती है।                                                             पर अब क्या करें । हमारे  पास गौ संरक्षण के लिए बक्त है नहीं ।  तो हम ये गौ माता कि मुर्तीयाँ ही छोड़  जाएंगे अपने  बच्चों के लिए?                                           क्योंकि धरातल की सच्चाई यही है कि भारत सरकार ब्रिटिश सरकार शासन से अब तक भारत की पावन भूमि पर गौ हत्या रोकने में असमर्थ रही है, और बड़े  पैमाने पर भारत भूमि से भारतीय गोवंश का नाश हो रहा है।
तो क्या हमारे आने वाले वंशज को पुस्तको अखबारों में और मूर्तियों में स्थापित गौ का चरित्र चित्रण से ही  दूध प्राप्त होगा?
 विषय विचारणीय  है। 
आपके समर्थन का आकान्छी कौशलेन्द्र वर्मा ९८६८००८७४८  गौ लोक परिवार।


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