जय श्री राम

*-:जय श्री राम:-* 


हम शरण प्रभु तेरी आये है अपना झुकाने को ये सिर,
कर दो उधार प्रभु मेरा अपनी डाल के इक नजर,
हम शरण प्रभु तेरी आये है अपना झुकाने को ये सिर,


इक नजर तेरी खिलाती है जिंदगी की कली,
तेरी नजरो से ही होती है रोशन हर गली,
मुझको ये आस है मुझपे भी होगी तेरी मेहर,
हम शरण प्रभु तेरी आये है अपना झुकाने को ये सिर,


हारने वालो को बस एक ठिकाना है तेरा,
जिसको बस एक सहारा है प्रभु देख तेरा,
उस पे पड़ जाती है बाबा तेरी दीदार नजर
हम शरण प्रभु तेरी आये है अपना झुकाने को ये सिर,


गलती जो भी करि है मैंने उसे मानता हु,
तेरे दरबार के बारे में थोड़ा जानता हु,
थाम लो हाथ प्रभु मेरा लेलो मेरी खबर,
हम शरण प्रभु तेरी आये है अपना झुकाने को ये सिर,.....
*✍ कौशलेन्द्र वर्मा।*


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