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Showing posts from February, 2020

परमेश्वर की कृपा:

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*-: परमेश्वर की कृपा:-* *प्रकृत्य ऋषि का* *रोज का नियम था कि* *वह नगर से दूर जंगलों में स्थित शिव मंदिर में भगवान् शिव की पूजा में लींन रहते थे।* *कई वर्षो से यह उनका अखंड नियम था उसी जंगल में एक नास्तिक डाकू अस्थिमाल का भी डेरा था।* *अस्थिमाल का भय आसपास के क्षेत्र में व्याप्त था अस्थिमाल बड़ा नास्तिक था वह मंदिरों में भी चोरी-डाका से नहीं चूकता था।* *एक दिन अस्थिमाल की नजर प्रकृत्य ऋषि पर पड़ी उसने सोचा यह ऋषि जंगल में छुपे मंदिर में पूजा करता है हो न हो इसने मंदिर में काफी माल छुपाकर रखा होगा आज इसे ही लूटते हैं।* *अस्थिमाल ने प्रकृत्य ऋषि से कहा कि जितना भी धन छुपाकर रखा हो चुपचाप मेरे हवाले कर दो।* *ऋषि उसे देखकर तनिक भी विचलित हुए बिना बोले- कैसा धन ?* *मैं तो यहाँ बिना किसी लोभ के पूजा को चला आता हूं।* *डाकू को उनकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ।* *उसने क्रोध में ऋषि प्रकृत्य को जोर से धक्का मारा।* *ऋषि ठोकर खाकर शिवलिंग के पास जाकर गिरे और उनका सिर फट गया।* *रक्त की धारा फूट पड़ी।* *इसी बीच आश्चर्य ये हुआ कि ऋषि प्रकृत्य के गिरने के* *फलस्वरूप शिवालय की छत से सोने की कुछ मोहरें अस्

भूख का कम लगना ,पाचक अग्नि का धीमा होना

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*-:भूख का कम लगना ,पाचक अग्नि का धीमा होना:-*  अगर आप को भूख कम लगती है या बिल्कुल भी नही लगती इस का कारण आप की पाचक शक्ति का धीमा या कम होना हो सकता है। १. अग्नितुण्डी बटी एक-एक गोली सुबह शाम भोजन से आधा घंटा पहले पानी से दीजिये। २. लवण भास्कर चूर्ण दो ग्राम सुबह शाम भोजन के तुरंत बाद मट्ठे से दीजिये। ३. चित्रकादि बटी एक-एक गोली सुबह दोपहर शाम को भोजन के बाद चूसने को दीजिये। चार-पांच दिन में दवा का असर आपको सामने दिखने लगेगा। बाजारू चटपटे आहार और साफ़्ट ड्रिंक आदि से परहेज कराइये। इस दवा से आप के वजन में भी कुछ बढ़ोत्तरी होगी एक माह तक ये दवा दें फिर उसके बाद ये दवा बंद करके द्राक्षासव दिन में दो-दो चम्मच ले। *✍ कौशलेंद्र वर्मा।*

घर में शंख रखने के लाभ

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*-:घर में शंख रखने के लाभ:-* घर में शंख रखने और बजाने के ये हैं ग्यारह आश्चर्यजनक लाभ!!!!!! पूजा-पाठ में शंख बजाने का चलन युगों-युगों से है। देश के कई भागों में लोग शंख को पूजाघर में रखते हैं और इसे नियमित रूप से बजाते हैं। ऐसे में यह उत्सुकता एकदम स्वाभाविक है कि शंख केवल पूजा-अर्चना में ही उपयोगी है या इसका सीधे तौर पर कुछ लाभ भी है!! सनातन धर्म की कई ऐसी बातें हैं, जो न केवल आध्यात्मिक रूप से, बल्कि कई दूसरे तरह से भी लाभदायक हैं। शंख रखने, बजाने व इसके जल का उचित इस्तेमाल करने से कई तरह के लाभ होते हैं। कई फायदे तो सीधे तौर पर सेहत से जुड़े हैं। आगे चर्चा की गई है कि पूजा में शंख बजाने और इसके इस्तेमाल से क्या-क्या फायदे होते हैं। 1. ऐसी मान्यता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। धार्मिक ग्रंथों में शंख को लक्ष्मी का भाई बताया गया है, क्योंकि लक्ष्मी की तरह शंख भी सागर से ही उत्पन्न हुआ है. शंख की गिनती समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नों में होती है। 2. शंख को इसलिए भी शुभ माना गया है, क्योंकि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु, दोनों ही अपने हाथों में इसे धारण करते

अंदरूनी आइना:-* *सज्जनों को ही सदा मुसीबतें क्यों आती हैं ?

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*-:अंदरूनी आइना:-* *सज्जनों को ही सदा मुसीबतें क्यों आती हैं ?*      सबसे पहले हम अच्छे लोग और बुरे लोगों के लक्षण जान लेते हैं  । दूसरों की मुसीबत के वक्त पर उनके कंधे के साथ कंधे मिलाने के लिए कभी भी पीछे नहीं हटनेवाले और अपनी  मुसीबत को दूसरों के साथ बाँटने के लिए झिझकनेवाले लोग ही अच्छे लोग याने सज्जन हैं ।    इनके यह अति कोमल अच्छाई ही इनका बुढापा है । ये लोग खुद उपवास रहकर बच्चों को खिलानेवाली माँ की तरह, अपने घर को अंधेरा रखकर देश को प्रकाशित करनेवाले महात्मा की तरह  होते हैं ।    बुरे लोग हिट्लर की तरह अमीरी के नशे में नरसंहार करनेवाले सर्वाधिकारी स्वभाववाले होते हैं । एक हैं महात्मा, जो मुसीबतों को भोगते ही हुतात्म हुए, और दूसरा है हिट्लर, वह भी दुःख में डूबकर ही मारा गया । याने यही सच निकला कि चाहे बुरे व्यक्ति हो या अच्छा व्यक्ति , दोनों को दुःख तो भोगना ही पडता है । तो सुख किसे मिलता है ? आनंद क्या है ? यह सवाल तो बाकी ही रहा । जानने के लिए आगे पढ़िए ।       आप जान लीजिए कि अच्छेपन और बुराई इन दोनों को सुख और दुःख से कोई ताल्लुक ही नहीं रहता है । किसी भी तरह खुद को ठगे बिना

सनातनियों के पास उस परमेश्वर के सिमरन हेतु अनंत भंडार है फिर भी यदी सनातनी भयभीत है , अर्थात वो अपनें सनातनी ज्ञान सागर से कटा हुआ है ।

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सनातनियों के पास उस परमेश्वर के सिमरन हेतु अनंत भंडार है फिर भी यदी सनातनी भयभीत है , अर्थात वो अपनें सनातनी ज्ञान सागर से कटा हुआ है ।  प्रात: वंदन और संध्या उपासना से जुड़ जाओ तुमसे बड़ा महावीर इस धरा पर कोई नहीं । बजरंग बाण " दोहा " "निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान।" "तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥" "चौपाई" जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु विनय हमारी।। जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महासुख दीजै।। जैसे कूदि सिन्धु के पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।। आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।। जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा।। बाग़ उजारि सिन्धु महँ बोरा। अति आतुर जम कातर तोरा।। अक्षयकुमार को मारि संहारा। लूम लपेट लंक को जारा।। लाह समान लंक जरि गई। जय जय जय धुनि सुरपुर नभ भई।। अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु उर अन्तर्यामी।। जय जय लखन प्राण के दाता। आतुर होय दुख हरहु निपाता।। जै गिरिधर जै जै सुखसागर। सुर समूह समरथ भटनागर।। जय हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहिंं मारु बज्र की कीले।। गदा बज्र लै बैरिहिं

मम दीक्षा - गौरक्षा !!

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!! मम दीक्षा - गौरक्षा !! ब्रह्मा कहें गाय मेरी बेटी है उसकी नहीं मेरी पूजा - सेवा कर तुझे ब्रह्म लोक दे दिया जायेगा, फिर भी गाय की भक्ति न छोड़ना।  अगर विष्णु कहें गाय की भक्ति - सेवा छोड़ तुझे विष्णु लोक दे दूंगा मेरी पूजा - सेवा कर ना मानना।  अगर भोले बाबा भी एक दिन आ जायें कहें की गाय की भक्ति छोड़ मेरी भक्ति कर मेरे शिव लिंग स्वरुप पर जल चढ़ा, काशी आजा तुझे मुक्त कर दूंगा तब भी गौ - सेवा न छोड़ना। क्योकि गौ - प्रत्यक्ष 33 करोड़ देवी - देवताओ का चलता - फिरता देवालय है। इसे तृण - हरा घास खिला देते से ही मुक्ति मिल जायेगी मृत्यु अटल सत्य है अंतिम समय पर बैतरणी पर कोई पत्थर में से उठ कर देवी - देवता आये या न आये पर गाय को घास खिलाया होगा तो वह जरूर मुक्ति पद देने वहाँ खड़ी मिलेगी। यही सत्य है यही अटल सत्य है मनो न मनो मेरा क्या ? '' *✍ कौशलेंद्र वर्मा।*

सनातनी विचार

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*-:सनातनी विचार !:-* *भगवान के तीन ही मुख है प्रसाद ग्रहण करने के !* *1-- पहला गाय -गौवंश को दिया तृण सीधे भगवान को प्राप्त होता है और स्वाद की चर्चा तक गौमाता के यहाँ नहीं होती बस आशीर्वाद की प्राप्ति अवश्य होती है यह सनातन सत्य है।* *२---- भगवान का दूसरा मुख है संत- ब्राह्मण का मुख जहां स्वादिष्ट भोजन से आशीर्वाद प्राप्त होता है और आपका दिया भोग नारायण तक पहुचता है। अंत में दक्षिणा अति आवश्यक है !!* *३ - --- भगवान का तीसरा मुख है अग्नि जहाँ हवन द्वारा जड़ी- बूटी,जौ -तिल,ड्राय-फ़ूडऔर गौ घृत से भगवान को भोग लगाया जाता है। जिसे साधारण मनुष्य अपनी गरीबी के कारण बहुत कम कर पाते है। जो कर पाते है उनका कल्याण और लोक कल्याण निश्चित है यह भी सनातन सत्य है।* *मनुष्य को इन तीनो में से जो सरल उपाय हो या जो उनके सामर्थ्य में हो उसको अपना कर भगवान को नित्य भोग जरूर लगाना चाहिए जिससे परमात्मा द्वारा प्राप्त मानव शरीर, जल,अग्नि, वायु, पृथवी और आकाश के उपभोग का कर्ज कुछ कम हो। वैसे तो माता- पिता और भगवान का कर्ज कोई चूका नहीं पाया पर स्वार्थी नहीं परमार्थी बनने की कोशिश मानव को जरूर करनी चाहिए यही सनात

गाय प्रश्नोतरी

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*-:गाय प्रश्नोतरी ?:-* * भगवान कृष्ण ने किस ग्रंथ में कहा है ‘धेनुनामसिम’ मैं गायों में कामधेनु हूं? -- श्रीमद् भगवतगीता | * ‘चाहे मुझे मार डालो पर गाय पर हाथ न उठाओ’ किस महापुरुष ने कहा था? -- बाल गंगाधर तिलक | * रामचंद्र ‘बीर’ ने कितने दिनों तक गौहत्या पर रोक लगवाने के लिए अनशन किया? -- 70 दिन | * पंजाब में किस शासक के राज्य में गौ हत्या पर मृत्यु दंड दिया जाता था? -- पंजाब केसरी महाराज रणजीत सिंह | * गाय के घी से हवन पर किस देश में वैज्ञानिक प्रयोग किया गया? -- रूस | * गोबर गैस संयंत्र में गैस प्राप्ति के बाद बचे पदार्थ का उपयोग किस में होता है? -- खेती के लिए जैविक (केंचुआ) खाद बनाने में | * मनुष्य को गौ-यज्ञ का फल किस प्रकार होता है? -- कत्लखाने जा रही गाय को छुड़ाकर उसके पालन-पोषण की व्यवस्था करने पर | * एक तोला (10 ग्राम) गाय के घी से यज्ञ करने पर क्या बनता है? -- एक टन आँक्सीजन | * ईसा मसीहा का क्या कथन था? -- एक गाय को मरना, एक मनुष्य को मारने के समान है | * प्रसिद् मुस्लिम संत रसखान ने क्या अभिलाषा व्यक्त की थी? -- यदि पशु के रूप में मेरा जन्म हो तो मैं बाबा नंद की गायों के बी

आखिरी काम

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 आखिरी काम ... एक बूढ़ा कारपेंटर अपने काम के लिए काफी जाना जाता था , उसके बनाये लकड़ी के घर दूर -दूर तक प्रसिद्द थे . पर अब बूढा हो जाने के कारण उसने सोचा कि बाकी की ज़िन्दगी आराम से गुजारी जाए और वह अगले दिन सुबह-सुबह अपने मालिक के पास पहुंचा और बोला , ” ठेकेदार साहब , मैंने बरसों आपकी सेवा की है पर अब मैं बाकी का समय आराम से पूजा-पाठ में बिताना चाहता हूँ , कृपया मुझे काम छोड़ने की अनुमति दें . “ ठेकेदार कारपेंटर को बहुत मानता था , इसलिए उसे ये सुनकर थोडा दुःख हुआ पर वो कारपेंटर को निराश नहीं करना चाहता था , उसने कहा , ” आप यहाँ के सबसे अनुभवी व्यक्ति हैं , आपकी कमी यहाँ कोई नहीं पूरी कर पायेगा लेकिन मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि जाने से पहले एक आखिरी काम करते जाइये .” “जी , क्या काम करना है ?” , कारपेंटर ने पूछा . “मैं चाहता हूँ कि आप जाते -जाते हमारे लिए एक और लकड़ी का घर तैयार कर दीजिये ठेकेदार घर बनाने के लिए ज़रूरी पैसे देते हुए बोला . कारपेंटर इस काम के लिए तैयार हो गया . उसने अगले दिन से ही घर बनाना शुरू कर दिया , पर ये जान कर कि ये उसका आखिरी काम है और इसके बाद उसे और कुछ नहीं क

मुस्कुराइए

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#मुस्कुराइए एक औरत बहुत महँगे कपड़े में अपने मनोचिकित्सक के पास गई और बोली "डॉ साहब ! मुझे लगता है कि मेरा पूरा जीवन बेकार है, उसका कोई अर्थ नहीं है। क्या आप मेरी खुशियाँ ढूँढने में मदद करेंगें?" मनोचिकित्सक ने एक बूढ़ी औरत को बुलाया जो वहाँ साफ़-सफाई का काम करती थी और उस अमीर औरत से बोला - "मैं इस बूढी औरत से तुम्हें यह बताने के लिए कहूँगा कि कैसे उसने अपने जीवन में खुशियाँ ढूँढी। मैं चाहता हूँ कि आप उसे ध्यान से सुनें।" तब उस बूढ़ी औरत ने अपना झाड़ू नीचे रखा, कुर्सी पर बैठ गई और बताने लगी - "मेरे पति की मलेरिया से मृत्यु हो गई और उसके 3 महीने बाद ही मेरे बेटे की भी सड़क हादसे में मौत हो गई। मेरे पास कोई नहीं था। मेरे जीवन में कुछ नहीं बचा था। मैं सो नहीं पाती थी, खा नहीं पाती थी, मैंने मुस्कुराना बंद कर दिया था।" मैं स्वयं के जीवन को समाप्त करने की तरकीबें सोचने लगी थी। तब एक दिन,एक छोटा बिल्ली का बच्चा मेरे पीछे लग गया जब मैं काम से घर आ रही थी। बाहर बहुत ठंड थी इसलिए मैंने उस बच्चे को अंदर आने दिया। उस बिल्ली के बच्चे के लिए थोड़े से दूध का इंतजाम किया और वह

महाशिवरात्रि की कथा : हिरणी की सत्यनिष्ठा

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महाशिवरात्रि की कथा : हिरणी की सत्यनिष्ठा एक बार पार्वती ने भगवान शिवशंकर से पूछा, 'ऐसा कौन सा श्रेष्ठ तथा सरल व्रत-पूजन है, जिससे मृत्यु लोक के प्राणी आपकी कृपा सहज ही प्राप्त कर लेते हैं?' उत्तर में शिवजी ने पार्वती को 'शिवरात्रि' के व्रत का विधान बताकर यह कथा सुनाई- 'एक गाँव में एक शिकारी रहता था। पशुओं की हत्या करके वह अपने कुटुम्ब को पालता था। वह एक साहूकार का ऋणी था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधवश साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी। शिकारी ध्यानमग्न होकर शिव संबंधी धार्मिक बातें सुनता रहा। चतुर्दशी को उसने शिवरात्रि की कथा भी सुनी। संध्या होते ही साहूकार ने उसे अपने पास बुलाया और ऋण चुकाने के विषय में बात की। शिकारी अगले दिन सारा ऋण लौटा देने का वचन देकर बंधन से छूट गया। अपनी दिनचर्या की भाँति वह जंगल में शिकार के लिए निकला, लेकिन दिनभर बंदीगृह में रहने के कारण भूख-प्यास से व्याकुल था। शिकार करने के लिए वह एक तालाब के किनारे बेल वृक्ष पर पड़ाव बनाने लगा। बेल-वृक्ष के नीचे शिवलिंग था जो बिल्वपत्रों से ढँका हुआ था

परम् रामभक्त

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*-:परम् रामभक्त:-* देवरहा बाबा परम् रामभक्त थे, देवरहा बाबा के मुख में सदा राम नाम का वास था, वो भक्तो को राम मंत्र की दीक्षा दिया करते थे। वो सदा सरयू के किनारे रहा करते थे। उनका कहना था--- "एक लकड़ी ह्रदय को मानो दूसर राम नाम पहिचानो राम नाम नित उर पे मारो ब्रह्म दिखे संशय न जानो।'' देवरहा बाबा जनसेवा तथा गोसेवा को सर्वोपरि-धर्म मानते थे तथा प्रत्येक दर्शनार्थी को लोगों की सेवा, गोमाता की रक्षा करने तथा भगवान की भक्ति में रत रहने की प्रेरणा देते थे। देवरहा बाबा श्री राम और श्री कृष्ण को एक मानते थे और भक्तो को कष्ट से मुक्ति के लिए कृष्ण मंत्र भी देते थे--- "ऊं कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणत: क्लेश नाशाय, गोविन्दाय नमो-नम:।'' बाबा कहते थे- "जीवन को पवित्र बनाए बिना, ईमानदारी, सात्विकता-सरसता के बिना भगवान की कृपा प्राप्त नहीं होती। अत: सबसे पहले अपने जीवन को शुद्ध-पवित्र बनाने का संकल्प लो। वे प्राय: गंगा या यमुना तट पर बनी घास-फूस की मचान पर रहकर साधना किया करते थे।  दर्शनार्थ आने वाले भक्तजनों को वे सद्मार्ग पर चलते हुए अपना मानव जीवन सफल करने

कौवे से जुड़े शकुन और अपशकुन का रहस्य

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*-:कौवे से जुड़े शकुन और अपशकुन का रहस्य?:- * *प्राचीन समय के ऋषियों मुनियों ने अपने शोध में बताया था की प्रत्येक जानवर के विचित्र व्यवहार एवं हरकतों का कुछ न कुछ प्रभाव अवश्य होता है. जानवरों के संबंध में अनेको बाते  हमारे पुराणों एवं ग्रंथो में भी विस्तार से बतलाई गई है।* *हमारे सनातन धर्म में माता के रूप में पूजनीय गाय के संबंध में तो बहुत सी बाते आप लोग जानते ही होंगे परन्तु आज हम जानवरों के संबंध में पुराणों से ली गई कुछ ऐसी बातो के बारे में बतायेंगे जो आपने पहले कभी भी किसी से नहीं सुनी होगी. जानवरों से जुड़े रहस्यों के संबंध में पुराणों में बहुत ही विचित्र बाते बतलाई गई जो किसी को आश्चर्य में डाल देंगी।*   *कौए का रहस्य*  *कौए के संबंध में पुराणों बहुत ही विचित्र बाते बतलाई गई है मान्यता है की कौआ अतिथि आगमन का सूचक एवं पितरो का आश्रम स्थल माना जाता है।* *हमारे धर्म ग्रन्थ की एक कथा के अनुसार इस पक्षी ने  देवताओ और राक्षसों के द्वारा समुद्र मंथन से प्राप्त अमृत का रस चख लिया था. यही कारण है की कौआ की कभी भी स्वाभाविक मृत्यु नहीं होती. यह पक्षी कभी किसी बिमारी अथवा अपने वृद्धा अवस्

सब घट मोरा साईंयां, सुनी सेज न कोय। बलिहारी उस घट की, जिस घट प्रगट होय।

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"सब घट मोरा साईंयां, सुनी सेज न कोय। बलिहारी उस घट की, जिस घट प्रगट होय। । "जिस दिन आप उसको अपने अन्दर देख लेंगे, जब आप अपने अन्दर उसका अहसास कर लेंगे उस दिन से आपके जीवन में शान्ति स्थापित हो जायेगी।वो है तो सभी के अन्दर, ऐसा कोई घट ही नहीं कि जिसमें वह परमपिता परमेश्वर न हो, लेकिन बलिहारी उस घट की, कि जिस घट में वो प्रगट हो गया।जीवन के अन्दर जरूरतों को समझना बहुत जरूरी होता है!अगर आपको यह नहीं मालूम कि आपकी जरूरत क्या है तो सचमुच में आप खाली हाथ आये और यहाँ से खाली हाथ ही जायेंगे।जिस प्रकार एक किसान को नहर से अपने खेत तक पानी ले जाने के लिए छोटी छोटी नालियां बनानी पड़ती है।ठीक उसी प्रकार शान्ति के लिए भी रास्ता बनाना है, परन्तु वह रास्ता अन्दर है, बाहर नहीं!यह कानून मनुष्य का बनाया हुआ नहीं है।यह कानून उस विधाता का बनाया हुआ है, जिसने सारे संसार की रचना करके हर एक व्यक्ति के अन्दर अपना मन्दिर बनाया है।वह हमारे और आप के अन्दर है। जिस दिन आप अपने जीवन के अन्दर उसका अहसास कर लेंगे, उस दिन आपका जीवन सफल हो जायेगा।

राम मंदिर का निर्माण

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*-:राममंदिर का निर्माण:-* राममंदिर का निर्माण असली शंकराचार्यों और वैष्णवाचार्यों द्वारा ही होगा। यह कार्य सरकार द्वारा सम्भव नही है इस कार्य मे धर्माचार्यों का अधिकार हैं.. जैसे आद्यजगद्गुरू शंकराचार्य जी ने भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों इक्यावन शक्ति पीठ, बारह ज्योतिर्लिंग, सात सप्तपुरी और चार धाम आदि का पुनरुद्धार किया था ठीक वैसे ही सनातन धर्म के श्रेष्ठ आचार्यों द्वारा ही राममंदिर निर्माण हो सकता है। हमे ऐसे सरकारी ट्रस्ट की कोई आवश्यकता नही जिसमें हमारे सर्वश्रेष्ठ आचार्यों का अपमान कर एक फर्जी भगवाधारी और भगवान राम को भगवान ना मानने महापुरुष बताने वाले स्वयं सेवक संघ के सदस्यों को ही लिया गया हो। ऐसे लोग मठ मंदिर की मर्यादा भंग करेंगे इसमे कोई दो राय नही है। यह स्वीकार नहीं किया जा सकता।  मंदिर का निर्माण शास्त्र और वास्तु विज्ञान के आधार पर होना चाहिये। अयोध्या उत्तर भारत के अन्तर्गत होने के कारण ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी के अधिकारक्षेत्र में आता है अतः उनके नेतृत्व की बिना अयोध्या मन्दिर का निर्माण उचित नही है।अपने दायित्व को समझते हुए ही ज्योतिष्पीठ

सुबह गुनगुने पानी में शहद डालकर पीने के लाभ

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*-:सुबह गुनगुने पानी में शहद डालकर पीने के लाभ:-* गुनगुने पानी के साथ शहद और नींबू के नियमित सेवन से केवल मात्र वजन कम हो - मोटापा ही नही घटता - इससे सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से हमेशा के लिए निजात मिल सकती है ! * गुनगुने पानी में शहद के फायदे :- इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है ! शहद को गर्म पानी के साथ लेने से वजन कम होता है और इसके नियमित सेवन से सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से हमेशा के लिए निजात मिल सकती है ! * पाचन सुधारे :- अच्छे पाचन के लिए सुबह गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाकर पीना चाहिए - यह पेट को साफ करने में मदद करता है ! यह लीवर में रस के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे पाचन में मदद मिलती है ! नींबू में मौजूद एसिड पाचन तंत्र में मदद कर - अवांछित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है ! शहद एक एंटीबैक्टीरियल के रूप में कार्य करता है और शरीर में मौजूद किसी भी तरह के संक्रमण को दूर करने में मदद करता है ! * कब्ज दूर करे :- यह मिश्रण कब्ज के लिए तत्काल उपाय है - यह आंत को प्रोत्साहित कर

यह कैसी खामोशी

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*-:ये कैसी खामोशी:-* *विवाह की बढ़ती उम्र पर खामोशी क्यों...?* *28-32 साल की युवक युवतियां बैठे है कुंवारे, फिर मौन क्यों हैं समाज के कर्ता-धर्ता* *कुंवारे बैठे लड़के-लड़कियों* की एक *गंभीर समस्या* आज सामान्य रुप से *सभी समाजों* में उभर के सामने आ रही है। इसमें उम्र तो एक कारण है ही मगर समस्या अब इससे भी कहीं आगे बढ़ गई है, क्योंकि 30 से 35 साल तक की लड़कियां भी कुंवारी बैठी हुई है। इससे स्पष्ट है कि इस समस्या का उम्र ही एकमात्र कारण नहीं बचा है। *ऐसे में लड़के लड़कियों के जवां होते सपनों पर न तो किसी समाज के कर्ता-धर्ताओं की नजर है और न ही किसी रिश्तेदार और सगे संबंधियों की*। हमारी सोच कि हमें क्या मतलब है में उलझ कर रह गई है। बेशक यह सच किसी को कड़वा लग सकता है लेकिन हर समाज की हकीकत यही है, *25 वर्ष के बाद लड़कियां ससुराल के माहौल में ढल नहीं पाती है*, क्योंकि उनकी आदतें पक्की और मजबूत हो जाती हैं अब उन्हें मोड़ा या झुकाया नहीं जा सकता जिस कारण घर में बहस, वाद विवाद, तलाक होता हैं बच्चे सिजेरियन ऑपरेशन से होते हैं जिस कारण बाद में बहुत सी बिमारी का सामना करना पड़ता है। शादी के लिए लड़की की उ

देसी गाय के घी से होने वाले लाभ

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*-:देशी गाय के घी से होने वाले लाभ:।:-* पहले पूरा वर्णन पढ़ें फिर मनन एवं अनुसरण करें | --------------------------------------------- 1.देशी गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।   2.देशी गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।   3.देशी गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।   4.(20-25 ग्राम) देशी गाय का घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है।   5.देशी गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।   6.नाक में देशी गाय का घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाताहै।   7.देशी गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लौट आती है।   8.देशी गाय का घी नाक में डालने से बाल झड़ना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते हैं।   9.देशी गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, यादाश्त तेज होती है।   10.हाथ पाव मे जलन होने पर देशी गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है।   11.हिचकी के न रुकने पर खाली देशी गाय का आधा चम्मच घी खायें , हिचकी स्वयं रुक जाएगी।  

समय रहते होश में आओ

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*-:समय रहते होश में आओ:-* समय रहते होश में आओ और गौरक्षा का संकल्प लो  =========================== आज गौमाता पर बहुत बड़ा संकट आया हुआ है । केवल भारतवर्ष में ही कत्ल्खानों में प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में गौहत्याएं हो रही हैं । सुनने में आता हैं कि गौमाता पर पहले खौलता हुआ गर्म पानी छिड़का जाता है ताकि उनका चमड़ा नर्म हो जाए । तत्पश्चात उनके जीते जी ही शरीर से चमड़ा उतारा जाता है ताकि वह चमड़ा नर्म हो और अधिक से अधिक दाम में बिके । चमड़ा उतारने के बाद उन्हें बहुत निर्दयता से काटा जाता है ।  आज गौवंश समाप्त होने की स्थिति में आ गया है । अभी भी होश में न आए तो न गौवंश रहेगा, न गौ माता का दूध, घी और छाछ आदि पीने को मिलेगा । अनेक प्रकार के रसायनों एवं प्रिजर्वेटिव आदि को मिला कर बनाया गया दूध-घी आदि ही रह जाएगा जो कैंसर आदि गंभीर व्याधियों को जन्म देगा।  समय रहते चेत जाने में ही भला है । निर्णय आपके हाथ में है - गौरक्षा करना सही है अथवा कैंसर आदि भयंकर व्याधियों से तड़प तड़प कर मरना । *✍ कौशलेंद्र वर्मा।*

गाय का दूध सर्वोत्तम है

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*-:गाय का दूध सर्वोत्तम है:-* अमेरिका के कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित हुई पुस्तक ” THE COW IS A WONDERFUL LABORATORY ” के अनुसार प्रकृति ने समस्त जीव-जंतुओं और सभी दुग्धधारी जीवों में केवल गाय ही है जिसे ईश्वर ने 180 फुट (2160 इंच ) लम्बी आंत दी है जो की एनी पशुओ में ऐसा नहीं है जिसके कारण गाय जो भी खाती-पीती है वह अंतिम छोर तक जाता है । लाभ :- जिस प्रकार दूध से मक्खन निकालने वाली मशीन में जितनी अधिक गरारियां लगायी जाती है उससे उतना ही वसा रहित मक्खन निकलता है , इसीलिये गाय का दूध सर्वोत्तम है । गो वात्सल्य :- गौ माता बच्चा जनने के 18 घंटे तक अपने बच्चे के साथ रहती है और उसे चाटती है इसीलिए वह लाखो बच्चों में भी वह अपने वच्चे को पहचान लेती है जवकि भैंस और जरसी अपने बच्चे को नहीं पहचान पायेगी । गाय जब तक अपने बच्चे को अपना दूध नहीं पिलाएगी तब तक दूध नहीं देती है , जबकि भैस , जर्सी होलिस्टयन के आगे चारा डालो और दूध दुह लो । बच्चो में क्रूरता इसीलिए बढ़ रही है क्योकि जिसका दूध पी रहे है उसके अन्दर ममता नहीं है । खीस :- बच्चा देने के गाय के स्तन से जो दूध निकलता है उसे खीस, चाका, पेवस, कीला

योग की कुछ जानकारी जिसका ज्ञान सबको होना चाहिए

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*-:योग की कुछ जानकारी जिसका ज्ञान सबको होना चाहिए:-* 1. *रोगी के रोग* की चिकित्सा करने वाले निकृष्ट , रोग के कारणों की चिकित्सा करने वाले औसत और रोग-मुक्त रखने वाले श्रेष्ठ चिकित्सक होते हैं ।     2. *लकवा* - सोडियम की कमी के कारण होता है । 3. *हाई वी पी में* -  स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे । 4. *लो बी पी* - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें । 5. *कूबड़ निकलना*- फास्फोरस की कमी । 6. *कफ* - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं । 7. *दमा, अस्थमा* - सल्फर की कमी । 8. *सिजेरियन आपरेशन* - आयरन , कैल्शियम की कमी । 9. *सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें* । 10. *अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें* । 11. *जम्भाई*- शरीर में आक्सीजन की कमी । 12. *जुकाम* - जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें । 13. *ताम्बे का पानी* - प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें । 14.  *किडनी* - भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये । 15. *गिल

शाही स्नान

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*-:शाही स्नान:-* इस शाही स्नान का कर्ज चूका दीजिये आपको किसी कुम्भ स्नान की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और संसार रूपी इस अखाड़े में आपसे बड़ा महामंडलेश्वर कोई नहीं होगा। *✍ कौशलेंद्र वर्मा।*

कौन थे यह राजीव जी

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*-: कौन थे यह राजीव जी:-*  *-: श्रध्देय राजीव दीक्षित जी का परिचय कुछ छोटे शब्दो मे...👇🏻:-* ➯ आईए जानते है की हिंदुस्तान के यह सपूत कौन थे और इसने एक सच्चा हिंदुस्तानी बनकर क्या क्या किया।  1– जिसने इंडिया को भारत बनाया।  2– जिसने अन्ना हजारे को लोकपाल बिल के बारे में बताया  3– जिसने केजरीवाल की सच्चाई को सन् 2004 में ही बताया।  4– जिस मदर टेरेसा को मोहन भागवत जी 2015 में बता रहे थे कि वह कौन थी। वो राजीव जी ने सन् 1998 में ही बता दिया था।  5– आज हम मैगी के जिन कारणों को लेकर रोना रो रहे है उसे राजीव जी ने सन् 2003 में ही बता दिया।  6– जिसने पंडित नेहरु को मौलाना नेहरु बता दिया। और उसका पूरी तरह से पर्दाफाश किया।  7– जिसने अमेरिका में हुए 9/11 हमले को विश्व में पहली बार बताया कि वो हमला अमेरिका ने खुद ही कराया है।  8– जिसने हमे Right to Recall और जनमत संग्रह बताया।  9– जिसने सबसे पहले कालेधन की सचाई बताकर सुप्रीम कोर्ट को भी सख्ते में ला दिया। (☝🏻सुप्रीम कोर्ट को मुकदमें की सच्चाई की जाँच करने में 6 महीने लग गये कि इतनी पक्की जानकारी कहाँ से आई। )  10– जिसने लाल बहादुर शास्त्री जी क

नगर की प्रसिद्ध वैश्या:

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*-:नगर की प्रसिद्ध वैश्या:-* नगर की प्रसिद्ध वैश्या की गली से एक योगी जा रहा था कंधे पर झोली डाले। योगी को देखते ही एक द्वार खुला सामने की महिला ने योगी को देखा। ध्यान की गरिमा से आपूर, अंतर मौन की रश्मियों से भरपूर। योगी को देखकर महिला ने निवेदन किया गृह में पधारने के लिए। उसके आमन्त्रण में वासना का स्वर था।  योगी ने उत्तर दिया," देखती नहीं झोली में दवाएं पड़ी हैं, गरीबों में बांटनी हैं उन्हें रोगों से मुक्त करना है। हमारे और तुम्हारे कार्य में अंतर है तुम रोग बढ़ाती हो, हम रोग मिटाते हैं। तुम शरीर और वासना की भाषा बोलती हो, हम सत्य और बोध की।" योगी की बात पर क्रोधित होकर वैश्या बोली," योगी तुम्हें पता है। मेरे रंग रूप के पीछे सारा शहर दिवाना है। मुझे पाने के लिए वह अपने जीवन की भरपूर धन संपदा लुटाने को तत्पर रहते हैं। मैं स्वयं को तुम्हारे आगे समर्पित कर रही हूं और तुम इंकार कर रहे हो।" योगी ने कहा," मुझे तुम्हारा निमंत्रण स्वीकार है परंतु अभी नहीं। मैं आऊंगा और जरूर आऊंगा।" कहते हुए योगी चला गया। समय बीतता गया, महिला वृद्ध हो गई। अब उसे पाने के लिए कोई

कंटकारी

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*-:कंटकारी:-* "थकाइल" रिंगिणी दिव्य ओषधि विशेष  दाँत में लगे कीड़े को बाहर कैसे निकालें--- कंटकारी या कटेरी का पौधा जड़ सहित उखाड़ कर पीस लें. संपूर्ण पौधे को पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें. चाहें तो इस पौधे को सूखा कर पीस कर चूरन बना कर रख लें एवं आवश्यकता पड़ने पर प्रयोग करें. इस काढ़े से दिन में तीन से चार बार कुल्ला करें. पहले ही दिन आपको आराम दिख जाएगा. पूरा आराम ना होने की स्थिति में यह क्रिया पूरे सप्ताह करें. यह प्रयोग परीक्षित है एवं 70 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं को इससे लाभ अवश्य हुआ है. कंटकारी एक अत्यंत परिप्रसरी 'क्षुप' है, जो भारत में प्राय: रास्तों के किनारे तथा परती भूमि में उगता हुआ पाया जाता है। क्योंकि यह काँटों से आच्छादित रहता है, इसीलिए इसे स्पर्श करना मुश्किल होता है। कंटकारी अपने विशिष्ट गुणों के कारण आयुर्वेदिक चिकित्सा में बहुत उपयोग किया जाता है कंटकारी के लिए कई नाम प्रयोग किये जाते हैं, जैसे- 'भटकटैया', 'कटेरी', 'रेंगनी' अथवा 'रिंगिणी'; *✍ कौशलेंद्र वर्मा।*

नुक्से, नेत्र रोग

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नुसखे =========== नेत्र रोग ======== * यदि आपको चश्मा लग गया है और आंखें कमजोर हैं तो रोज रात तीन मुनक्का पानी में गला दें। सुबह काली मिर्च के तीन दानों के साथ चबाएं। आंखों की कमजोरी मिट जाएगी। * आँवला, हरड़ और बहेड़ा को हल्का-सा कूटकर रात्रि में पानी में डालकर रख दें। प्रात: उसे थोड़ा-सा मलकर किसी वस्त्र से छानकर, उस पानी के पीने से नेत्रों आंख संबंधी विकार दूर हो जाते हैं। शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन ‘सी’ मिलता है। गठिया या आमवात ======== * कच्चे नारियल का रस निकाल कर धीमी आंच पर पकाने के बाद उसमें से तेल निकलेगा। उस तेल में पीसी हुई काली मिर्च और राई मिला कर गठिया से ग्रस्त जोड़ों पर मालिश करने से लाभ होता है। * गठिया पर करेले के रस को लगाने के साथ उसकी सब्जी खाने से लाभ होता है। यदिजोड़ों में दर्द हो तो करेले के पत्तों के रस की मालिश करने से लाभ होता है। भूख न लगना (अरुचि) ================ * खाने के बाद 250 ग्राम ताजा अमरूद खाने से भी भूख बढ़ जाती है। * पीपल, काली मिर्च, सोंठ, जीरा एवं सेंधा नमक सभी को बराबर मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद आधा चम्मच तक चूर्ण ख

दृश्टा बनें निर्णयकर्ता नहीं

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*-:दृश्टा बनें निर्णयकर्ता नहीं:-* दूसरों को सही-गलत साबित करने में जल्दबाजी न करें,  पहली कहानी ... ट्रेन में एक पिता-पुत्र सफर कर रहे थे. 24 वर्षीय पुत्र खिड़की से बाहर देख रहा था, अचानक वो चिल्लाया – पापा देखो पेड़ पीछे की ओर भाग रहे हैं ! पिता कुछ बोला नहीं, बस सुनकर मुस्कुरा दिया. ये देखकर बगल में बैठे एक युवा दम्पति को अजीब लगा और उस लड़के के बचकाने व्यवहार पर दया भी आई. तब तक वो लड़का फिर से बोला – पापा देखो बादल हमारे साथ दौड़ रहे हैं ! युवा दम्पति से रहा नहीं गया और वो उसके पिता से बोल पड़े – आप अपने लड़के को किसी अच्छे डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाते ? लड़के का पिता मुस्कुराया और बोला – हमने दिखाया था और हम अभी सीधे हॉस्पिटल से ही आ रहे हैं. मेरा लड़का जन्म से अंधा था और आज वो यह दुनिया पहली बार देख रहा है. दूसरी कहानी ... एक प्रोफेसर अपनी क्लास में कहानी सुना रहे थे, जोकि इस प्रकार है – एक बार समुद्र के बीच में एक बड़े जहाज पर बड़ी दुर्घटना हो गयी. कप्तान ने शिप खाली करने का आदेश दिया. जहाज पर एक युवा दम्पति थे. जब लाइफबोट पर चढ़ने का उनका नम्बर आया तो देखा गया नाव पर केवल एक व्यक्ति के लिए

यहां दबा है जरासंध के सोने का भंडार

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*-:यहां दबा है जरासंध के सोने का भंडार?:-* उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले के डौंडियाखेड़ा के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे, जहां के एक संत ने राजा राव रामबक्श सिंह के किले के नीचे सोना दबे होने का सपना देखा था और सरकार उनके सपने के आधार पर खुदाई करने लग गई थी। शोभन सरकार नाम के महंत ने वहां एक हजार टन सोने के छुपे होने की बात कही थी, लेकिन वहां से एक किलो भी सोना नहीं निकला। दुनियाभर की मीडिया ने इस खुदाई का लाइव प्रसारण दिखाया था और उस दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह देश के लिए शर्म की बात है कि किसी बाबा के सपने के आधार पर सरकार के आदेश पर पुरातत्व विभाग खुदाई कर रहा है। लेकिन इस सच को नकारा नहीं जा सकता है क‍ि देशभर में सोना दबा पड़ा है। प्राचीनकाल से ही हमारा देश सोने का देश रहा है। इस देश का सोना पहले हूण और मंगोलों ने लूटा, फिर मुगलों ने लूटा और अपने ऊंटों पर लादकर अपने देश ले गए। इसके बावजूद भारत में हजारों टन सोना दबा पड़ा है। आखिर इतना सोना आया कहां से? उल्लेखनीय है कि दक्षिण के पद्मनाभ मंदिर में करोड़ों का सोना पाया गया था। आओ जानते हैं: सोन भंडार गुफा : देश में कई ऐसी गुफ

रानी रुदाबाई

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*-:रानी रुदाबाई:-* पाटण की रानी रुदाबाई जिसने सुल्तान बेघारा के सीने को फाड़ कर दिल निकाल लिया था, और कर्णावती शहर के बिच में टांग दिया था, एवम दूसरी ओर धड से सर अलग करके पाटन राज्य के बीचोबीच टांग दिया था।  गुजरात से कर्णावती  के राजा थे, राणा वीर सिंह वाघेला., ईस राज्य ने कई तुर्क हमले झेले थे, पर कामयाबी किसी को नहीं मिली, सुल्तान बेघारा ने सन् १४९७ पाटण राज्य पर हमला किया राणा वीर सिंह वाघेला के पराक्रम के सामने सुल्तान बेघारा की ४०००० से अधिक संख्या की फ़ौज २ घंटे से ज्यादा टिक नहीं पाई, सुल्तान बेघारा जान बचाकर भागा।  असल मे कहते है सुलतान बेघारा की नजर रानी रुदाबाई पे थी, रानी बहुत सुंदर थी, वो रानी को युद्ध मे जीतकर अपने हरम में रखना चाहता था। सुलतान ने कुछ वक्त बाद फिर हमला किया।  राज्य का एक साहूकार इस बार सुलतान बेघारा से जा मिला, और राज्य की सारी गुप्त सूचनाएं सुलतान को दे दी, इस बार युद्ध मे राणा वीर सिंह वाघेला को सुलतान ने छल से हरा दिया जिससे राणा वीर सिंह उस युद्ध मे वीरगति को प्राप्त हुए।  सुलतान बेघारा रानी रुदाबाई को अपनी वासना का शिकार बनाने हेतु राणा जी के महल की

वेद बहिष्कार विनाशक हुई

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*-:वेद बहिष्कार विनाशक होई:-* क्रोना वायरस के कारणों पर शोध से चीन ने जो  निशकर्ष निकाला है वे परोक्ष रूप में भारतीय वैदिक संस्कृति का अनुमोदन करता है।जो कि इस प्रकार है :- हमारे प्राचीन ऋषियों ने वेदों के अधार पर शवों को अग्नि में जलाकर दाह संस्कार करने का विधान बनाया है।  चीन ने घोषणा की है कि अगर शवों को जमीन में गाड देंगे,तो उनके शरीर में जो क्रोना वायरस या अन्य वायरस व बैक्टीरिया होते हैं वो जमीन में मिल जाएंगे और ये वायरस और बैक्टीरिया कभी नष्ट नहीं होंगे, बल्कि जमीन में ही फैलेंगे और जल तथा वायु को प्रदुषित करेंगे ।शवों को जला देने से आग के जरिये वायरस और बैक्टीरिया सदा सदा के लिए ख़त्म हो जाते हैं। इसी लिए चीन ने घोषणा की है कि जितने भी लोग क्रोना वायरस से पीड़ित होकर मर रहे  हैं, उन सभी का अंतिम संस्कार जलाकर ही किया जायेगा।  वेद और वैदिक सहित्य में शाकाहार को ही मनुष्य का भोजन कहा गया है।मांसाहार रोगों को बढ़ाने वाला और महापाप की श्रेणी में आता है।जिसका सेवन स्पष्ट रूप में वर्जित है।  मांसाहार कितना खतरनाक होता है , इस बात की जानकारी चीन को ही नही सारे विश्व को कारोने के कारण

माथे का टीका

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*-:माथे का टीका:-* *काफी समय पहले की बात है कि एक मन्दिर के बाहर बैठ कर एक भिखारी भीख माँगा करता था।* (वह एक बहुत बड़े महात्मा जी का शिष्य था जो कि इक पूर्ण संत थे) उसकी उम्र कोई साठ को पार कर चुकी थी। आने जाने वाले लोग उसके आगे रक्खे हुए पात्र में कुछ न कुछ डाल जाते थे। *लोग कुछ भी डाल दें, उसने कभी आँख खोल कर भी न देखा था कि किसने क्या डाला।*  उसकी इसी आदत का फायदा उसके आस पास बैठे अन्य भिखारी तथा उनके बच्चे उठा लेते थे। वे उसके पात्र में से थोड़ी थोड़ी देर बाद हाथ साफ़ कर जाते थे।  कई उसे कहते भी थे कि, सोया रहेगा तो तेरा सब कुछ चोरी जाता रहेगा। *वह भी इस कान से सुन कर उधर से निकाल देता था। किसी को क्या पता था कि वह प्रभु के प्यार में रंगा हुआ था।* हर वक्त गुरु की याद उसे अपने में डुबाये रखती थी।  *एक दिन ध्यान की अवस्था में ही उसे पता लगा कि उसकी अपनी उम्र नब्बे तक पहुंच जायेगी। यह जानकर वह बहुत उदास हो गया। जीवन इतनी कठिनाइयों से गुज़र रहा था पहले ही और ऊपर से इतनी लम्बी अपनी उम्र की जानकारी - वह सोच सोच कर परेशान रहने लग गया।*  एक दिन उसे अपने गुरु की उम्र का ख्याल आया। *उसे मालूम था

सर्व रोग निवारक अमृता - गिलोय

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*-:सर्व रोग निवारक अमृता - गिलोय:-*        गिलोय एक प्रकार की लता/बेल है, जिसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। यह इतनी अधिक गुणकारी होती है कि इसका नाम अमृता रखा गया है। आयुर्वेद में गिलोय को बुखार की एक महान औषधि के रूप में माना गया है। गिलोय का रस पीने से शरीर में पाए जाने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ दूर होने लगती हैं। गिलोय की पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन तथा फास्फोरस पाए जाते हैं। यह वात, कफ और पित्त नाशक होती है। यह हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढाने में सहायता करती है। इसमें विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण एंटीबायोटिक तथा एंटीवायरल तत्व पाए जाते हैं जिनसे शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ पहुँचता है। यह गरीब के घर की डॉक्टर है क्योंकि यह गाँवों में सहजता से मिल जाती है। गिलोय में प्राकृतिक रूप से शरीर के दोषों को संतुलित करने की क्षमता पाई जाती है।         गिलोय एक बहुत ही महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जडीबूटी है। गिलोय बहुत शीघ्रता से फलने फूलने वाली बेल होती है। गिलोय की टहनियों का भी औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। गिलोय की बेल जीवन शक्ति से भरपूर होती है, क्योंकि इस बेल