मम दीक्षा - गौरक्षा !!

!! मम दीक्षा - गौरक्षा !!
ब्रह्मा कहें गाय मेरी बेटी है उसकी नहीं मेरी पूजा - सेवा कर तुझे ब्रह्म लोक दे दिया जायेगा, फिर भी गाय की भक्ति न छोड़ना।  अगर विष्णु कहें गाय की भक्ति - सेवा छोड़ तुझे विष्णु लोक दे दूंगा मेरी पूजा - सेवा कर ना मानना।  अगर भोले बाबा भी एक दिन आ जायें कहें की गाय की भक्ति छोड़ मेरी भक्ति कर मेरे शिव लिंग स्वरुप पर जल चढ़ा, काशी आजा तुझे मुक्त कर दूंगा तब भी गौ - सेवा न छोड़ना। क्योकि गौ - प्रत्यक्ष 33 करोड़ देवी - देवताओ का चलता - फिरता देवालय है। इसे तृण - हरा घास खिला देते से ही मुक्ति मिल जायेगी मृत्यु अटल सत्य है अंतिम समय पर बैतरणी पर कोई पत्थर में से उठ कर देवी - देवता आये या न आये पर गाय को घास खिलाया होगा तो वह जरूर मुक्ति पद देने वहाँ खड़ी मिलेगी। यही सत्य है यही अटल सत्य है मनो न मनो मेरा क्या ? ''
*✍ कौशलेंद्र वर्मा।*


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