नुक्से, नेत्र रोग

नुसखे
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नेत्र रोग
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* यदि आपको चश्मा लग गया है और आंखें कमजोर हैं तो रोज रात तीन मुनक्का पानी में गला दें। सुबह काली मिर्च के तीन दानों के साथ चबाएं। आंखों की कमजोरी मिट जाएगी।
* आँवला, हरड़ और बहेड़ा को हल्का-सा कूटकर रात्रि में पानी में डालकर रख दें। प्रात: उसे थोड़ा-सा मलकर किसी वस्त्र से छानकर, उस पानी के पीने से नेत्रों आंख संबंधी विकार दूर हो जाते हैं। शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन ‘सी’ मिलता है।


गठिया या आमवात
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* कच्चे नारियल का रस निकाल कर धीमी आंच पर पकाने के बाद उसमें से तेल निकलेगा। उस तेल में पीसी हुई काली मिर्च और राई मिला कर गठिया से ग्रस्त जोड़ों पर मालिश करने से लाभ होता है।
* गठिया पर करेले के रस को लगाने के साथ उसकी सब्जी खाने से लाभ होता है। यदिजोड़ों में दर्द हो तो करेले के पत्तों के रस की मालिश करने से लाभ होता है।


भूख न लगना (अरुचि)
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* खाने के बाद 250 ग्राम ताजा अमरूद खाने से भी भूख बढ़ जाती है।
* पीपल, काली मिर्च, सोंठ, जीरा एवं सेंधा नमक सभी को बराबर मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद आधा चम्मच तक चूर्ण खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है और भूख खुलकर आने लगती है।


मधुमेह
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* मधुमेह रोगी को शलजम की सब्जी प्रतिदिन भोजन के साथ लेने से राहत मिलती है। शलजम के मौसम में शलजम काट कर धूप में सूखा लीजिये। बेमौसम में इसका इस्तेमाल करते रहें।
* गुड़मार के पत्ते मधुमेह नाशक हैं। इसके पत्तों का 2-2 ग्राम चूर्ण सुबह व रात को बिना चीनी के दूध के साथ लेने से मधुमेह के मरीज को फायदा होता है।
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मेरा हमेशा से यह प्रयास रहता है कि मैं अपने अनुभव को आपसे बांटू जिन्हें मैंने श्रेष्ठ संतों से प्रसाद स्वरूप पाया है हां मानना न मानना आपकी मर्जी है और Second Opinion लेना आापका अधिकार है, ये हमेशा याद रखें। परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि आप सुखी रहे और यह शोध आपके काम आए।
*✍ कौशलेंद्र वर्मा।*


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