सब घट मोरा साईंयां, सुनी सेज न कोय। बलिहारी उस घट की, जिस घट प्रगट होय।
"सब घट मोरा साईंयां, सुनी सेज न कोय।
बलिहारी उस घट की, जिस घट प्रगट होय।।
"जिस दिन आप उसको अपने अन्दर देख लेंगे, जब आप अपने अन्दर उसका अहसास कर लेंगे उस दिन से आपके जीवन में शान्ति स्थापित हो जायेगी।वो है तो सभी के अन्दर, ऐसा कोई घट ही नहीं कि जिसमें वह परमपिता परमेश्वर न हो, लेकिन बलिहारी उस घट की, कि जिस घट में वो प्रगट हो गया।जीवन के अन्दर जरूरतों को समझना बहुत जरूरी होता है!अगर आपको यह नहीं मालूम कि आपकी जरूरत क्या है तो सचमुच में आप खाली हाथ आये और यहाँ से खाली हाथ ही जायेंगे।जिस प्रकार एक किसान को नहर से अपने खेत तक पानी ले जाने के लिए छोटी छोटी नालियां बनानी पड़ती है।ठीक उसी प्रकार शान्ति के लिए भी रास्ता बनाना है, परन्तु वह रास्ता अन्दर है, बाहर नहीं!यह कानून मनुष्य का बनाया हुआ नहीं है।यह कानून उस विधाता का बनाया हुआ है, जिसने सारे संसार की रचना करके हर एक व्यक्ति के अन्दर अपना मन्दिर बनाया है।वह हमारे और आप के अन्दर है। जिस दिन आप अपने जीवन के अन्दर उसका अहसास कर लेंगे, उस दिन आपका जीवन सफल हो जायेगा।
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