खोड़ा में दो केंद्रों से लगातार संचालित है आरएसएस का सेवाकार्य

खोड़ा में दो केंद्रों से लगातार संचालित है आरएसएस का सेवाकार्य।


आज देश भयानक महामारी के संकट से जूझ रहा है। सबको अपने घर परिवार एवं संबंधियों के स्वास्थ्य की चिंता है ऐसे में #कोरोना के भय के चलते सभी अपना समय घर में बिता रहे हैं। वहीं संघ के स्वयंसेवक अभावग्रस्त परिवारों की सेवा का संकल्प लिए दिन रात एक कर रहे हैं। लोकडाउन के पहले दिन  से ही खोडा के स्वयंसेवकों ने इस क्षेत्र में अपनी प्रभावी योजना रचना प्रारंभ कर दी थी जिसका क्रियान्वयन तब से अब तक लगातार हो रहा है।


स्थानीय स्वयंसेवकों ने यहां दो केंद्र बनाए हैं जिसमें से एक केंद्र सूखे राशन के पैकेट बनाकर अभावग्रस्त परिवारों को घर घर पहुंचा रहा है। पैकेट में सप्ताह भर परिवार को चला सकने लायक समिग्री होती है जिससे अभावग्रस्त परिवार सप्ताह भर के लिए निश्चिंत हो जाता है समिग्री समाप्त होने पर पुनः उस परिवार से स्वयंसेवक सम्पर्क साधते है।


दूसरे केंद्र को सेवा_भारती के माध्यम से स्वयंसेवकों ने माँ_अन्नपूर्णा_रसोई नाम दिया है। इस केंद्र से ऐसे अभावग्रस्त लोगों तक भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं जो भोजन बनाने में भी सक्षम नहीं है। माँ_अन्नपूर्णा_रसोई के माध्यम से 1000 से 1500 पैकेट स्वयंसेवकों द्वारा खोडा में उनके परिवारों तक पहुचाने का कार्य हो रहा है।


खोड़ा जैसे क्षेत्र में संघ ने बनाई है सटीक योजना।


खोड़ा के कार्यवाह उमाशंकर शर्मा ने बताया कि खोड़ा कॉलोनी को एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी माना जाता है जिसको संघ ने पांच जोन एवं 48 उपजोन में बांटा है। इन 48 उपजोन में संघ ने अपना एक एक प्रमुख तय किया है जो अपने क्षेत्र के अभावग्रस्तों की सूची तैयार कर ज़ोन के प्रमुखों के माध्यम से केंद्र तक पहुंचाता है। जहाँ से प्रसाशनिक नियमों का पालन करते हुए एवं सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, ग्लव्स आदि का उपयोग करते हुए खाद्य समिग्री अभावग्रस्तों के घर तक पहुंचा दी जाती है। इस कार्य में रामदत्त दीक्षित, कृष्ण कुमार, प्रवीण, सोनू, स्यामल कर्माकर के साथ साथ कई स्वयंसेवक लगे हैं।


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