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Showing posts with the label घरेलू नुक्सा /खाना खजाना

भूख का कम लगना ,पाचक अग्नि का धीमा होना

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*-:भूख का कम लगना ,पाचक अग्नि का धीमा होना:-*  अगर आप को भूख कम लगती है या बिल्कुल भी नही लगती इस का कारण आप की पाचक शक्ति का धीमा या कम होना हो सकता है। १. अग्नितुण्डी बटी एक-एक गोली सुबह शाम भोजन से आधा घंटा पहले पानी से दीजिये। २. लवण भास्कर चूर्ण दो ग्राम सुबह शाम भोजन के तुरंत बाद मट्ठे से दीजिये। ३. चित्रकादि बटी एक-एक गोली सुबह दोपहर शाम को भोजन के बाद चूसने को दीजिये। चार-पांच दिन में दवा का असर आपको सामने दिखने लगेगा। बाजारू चटपटे आहार और साफ़्ट ड्रिंक आदि से परहेज कराइये। इस दवा से आप के वजन में भी कुछ बढ़ोत्तरी होगी एक माह तक ये दवा दें फिर उसके बाद ये दवा बंद करके द्राक्षासव दिन में दो-दो चम्मच ले। *✍ कौशलेंद्र वर्मा।*

गाय प्रश्नोतरी

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*-:गाय प्रश्नोतरी ?:-* * भगवान कृष्ण ने किस ग्रंथ में कहा है ‘धेनुनामसिम’ मैं गायों में कामधेनु हूं? -- श्रीमद् भगवतगीता | * ‘चाहे मुझे मार डालो पर गाय पर हाथ न उठाओ’ किस महापुरुष ने कहा था? -- बाल गंगाधर तिलक | * रामचंद्र ‘बीर’ ने कितने दिनों तक गौहत्या पर रोक लगवाने के लिए अनशन किया? -- 70 दिन | * पंजाब में किस शासक के राज्य में गौ हत्या पर मृत्यु दंड दिया जाता था? -- पंजाब केसरी महाराज रणजीत सिंह | * गाय के घी से हवन पर किस देश में वैज्ञानिक प्रयोग किया गया? -- रूस | * गोबर गैस संयंत्र में गैस प्राप्ति के बाद बचे पदार्थ का उपयोग किस में होता है? -- खेती के लिए जैविक (केंचुआ) खाद बनाने में | * मनुष्य को गौ-यज्ञ का फल किस प्रकार होता है? -- कत्लखाने जा रही गाय को छुड़ाकर उसके पालन-पोषण की व्यवस्था करने पर | * एक तोला (10 ग्राम) गाय के घी से यज्ञ करने पर क्या बनता है? -- एक टन आँक्सीजन | * ईसा मसीहा का क्या कथन था? -- एक गाय को मरना, एक मनुष्य को मारने के समान है | * प्रसिद् मुस्लिम संत रसखान ने क्या अभिलाषा व्यक्त की थी? -- यदि पशु के रूप में मेरा जन्म हो तो मैं बाबा नंद की गायों के बी

सुबह गुनगुने पानी में शहद डालकर पीने के लाभ

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*-:सुबह गुनगुने पानी में शहद डालकर पीने के लाभ:-* गुनगुने पानी के साथ शहद और नींबू के नियमित सेवन से केवल मात्र वजन कम हो - मोटापा ही नही घटता - इससे सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से हमेशा के लिए निजात मिल सकती है ! * गुनगुने पानी में शहद के फायदे :- इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है ! शहद को गर्म पानी के साथ लेने से वजन कम होता है और इसके नियमित सेवन से सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से हमेशा के लिए निजात मिल सकती है ! * पाचन सुधारे :- अच्छे पाचन के लिए सुबह गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाकर पीना चाहिए - यह पेट को साफ करने में मदद करता है ! यह लीवर में रस के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे पाचन में मदद मिलती है ! नींबू में मौजूद एसिड पाचन तंत्र में मदद कर - अवांछित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है ! शहद एक एंटीबैक्टीरियल के रूप में कार्य करता है और शरीर में मौजूद किसी भी तरह के संक्रमण को दूर करने में मदद करता है ! * कब्ज दूर करे :- यह मिश्रण कब्ज के लिए तत्काल उपाय है - यह आंत को प्रोत्साहित कर

देसी गाय के घी से होने वाले लाभ

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*-:देशी गाय के घी से होने वाले लाभ:।:-* पहले पूरा वर्णन पढ़ें फिर मनन एवं अनुसरण करें | --------------------------------------------- 1.देशी गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।   2.देशी गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।   3.देशी गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।   4.(20-25 ग्राम) देशी गाय का घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है।   5.देशी गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।   6.नाक में देशी गाय का घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाताहै।   7.देशी गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लौट आती है।   8.देशी गाय का घी नाक में डालने से बाल झड़ना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते हैं।   9.देशी गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, यादाश्त तेज होती है।   10.हाथ पाव मे जलन होने पर देशी गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है।   11.हिचकी के न रुकने पर खाली देशी गाय का आधा चम्मच घी खायें , हिचकी स्वयं रुक जाएगी।  

कंटकारी

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*-:कंटकारी:-* "थकाइल" रिंगिणी दिव्य ओषधि विशेष  दाँत में लगे कीड़े को बाहर कैसे निकालें--- कंटकारी या कटेरी का पौधा जड़ सहित उखाड़ कर पीस लें. संपूर्ण पौधे को पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें. चाहें तो इस पौधे को सूखा कर पीस कर चूरन बना कर रख लें एवं आवश्यकता पड़ने पर प्रयोग करें. इस काढ़े से दिन में तीन से चार बार कुल्ला करें. पहले ही दिन आपको आराम दिख जाएगा. पूरा आराम ना होने की स्थिति में यह क्रिया पूरे सप्ताह करें. यह प्रयोग परीक्षित है एवं 70 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं को इससे लाभ अवश्य हुआ है. कंटकारी एक अत्यंत परिप्रसरी 'क्षुप' है, जो भारत में प्राय: रास्तों के किनारे तथा परती भूमि में उगता हुआ पाया जाता है। क्योंकि यह काँटों से आच्छादित रहता है, इसीलिए इसे स्पर्श करना मुश्किल होता है। कंटकारी अपने विशिष्ट गुणों के कारण आयुर्वेदिक चिकित्सा में बहुत उपयोग किया जाता है कंटकारी के लिए कई नाम प्रयोग किये जाते हैं, जैसे- 'भटकटैया', 'कटेरी', 'रेंगनी' अथवा 'रिंगिणी'; *✍ कौशलेंद्र वर्मा।*

नुक्से, नेत्र रोग

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नुसखे =========== नेत्र रोग ======== * यदि आपको चश्मा लग गया है और आंखें कमजोर हैं तो रोज रात तीन मुनक्का पानी में गला दें। सुबह काली मिर्च के तीन दानों के साथ चबाएं। आंखों की कमजोरी मिट जाएगी। * आँवला, हरड़ और बहेड़ा को हल्का-सा कूटकर रात्रि में पानी में डालकर रख दें। प्रात: उसे थोड़ा-सा मलकर किसी वस्त्र से छानकर, उस पानी के पीने से नेत्रों आंख संबंधी विकार दूर हो जाते हैं। शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन ‘सी’ मिलता है। गठिया या आमवात ======== * कच्चे नारियल का रस निकाल कर धीमी आंच पर पकाने के बाद उसमें से तेल निकलेगा। उस तेल में पीसी हुई काली मिर्च और राई मिला कर गठिया से ग्रस्त जोड़ों पर मालिश करने से लाभ होता है। * गठिया पर करेले के रस को लगाने के साथ उसकी सब्जी खाने से लाभ होता है। यदिजोड़ों में दर्द हो तो करेले के पत्तों के रस की मालिश करने से लाभ होता है। भूख न लगना (अरुचि) ================ * खाने के बाद 250 ग्राम ताजा अमरूद खाने से भी भूख बढ़ जाती है। * पीपल, काली मिर्च, सोंठ, जीरा एवं सेंधा नमक सभी को बराबर मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद आधा चम्मच तक चूर्ण ख

सर्व रोग निवारक अमृता - गिलोय

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*-:सर्व रोग निवारक अमृता - गिलोय:-*        गिलोय एक प्रकार की लता/बेल है, जिसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। यह इतनी अधिक गुणकारी होती है कि इसका नाम अमृता रखा गया है। आयुर्वेद में गिलोय को बुखार की एक महान औषधि के रूप में माना गया है। गिलोय का रस पीने से शरीर में पाए जाने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ दूर होने लगती हैं। गिलोय की पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन तथा फास्फोरस पाए जाते हैं। यह वात, कफ और पित्त नाशक होती है। यह हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढाने में सहायता करती है। इसमें विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण एंटीबायोटिक तथा एंटीवायरल तत्व पाए जाते हैं जिनसे शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ पहुँचता है। यह गरीब के घर की डॉक्टर है क्योंकि यह गाँवों में सहजता से मिल जाती है। गिलोय में प्राकृतिक रूप से शरीर के दोषों को संतुलित करने की क्षमता पाई जाती है।         गिलोय एक बहुत ही महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जडीबूटी है। गिलोय बहुत शीघ्रता से फलने फूलने वाली बेल होती है। गिलोय की टहनियों का भी औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। गिलोय की बेल जीवन शक्ति से भरपूर होती है, क्योंकि इस बेल

सेंधा नमक

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*-:सेंधा नमक:-* सेंधा नमक : भारत से कैसे गायब कर दिया गया, शरीर के लिए Best Alkalizer है :- आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ?? आइये आज हम आपको बताते हैं कि नमक मुख्य कितने प्रकार होते हैं। एक होता है समुद्री नमक दूसरा होता है सेंधा नमक (rock salt) । सेंधा नमक बनता नहीं है पहले से ही बना बनाया है। पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को ‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’, लाहोरी नमक आदि आदि नाम से जाना जाता है । जिसका मतलब है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’। वहाँ नमक के बड़े बड़े पहाड़ है सुरंगे है । वहाँ से ये नमक आता है। मोटे मोटे टुकड़ो मे होता है आजकल पीसा हुआ भी आने लगा है यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मदद रूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। तों अंत आप ये समुद्री नमक के चक्कर से बाहर निकले। काला नमक ,सेंधा नमक प्रयोग करे, क्यूंकि ये प्रकर्ति का बनाया है ईश्वर का बनाया हुआ है। और सदैव याद रखे इंसान जरूर शैतान हो सकता है लेकिन भगवान कभी शैतान नहीं होता। भारत मे 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक

गुड़ खाने के बेहतरीन लाभ

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*-:गुड़ खाने के बे‍हतरीन लाभ:-*   ★ गन्ने के रस से गुड़ बनाया जाता है। गुड़ में सभी खनिज द्रव्य और क्षार सुरक्षित रहते हैं। ★ गुड़ का सेवन करने से शरीर में होने वाले कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं। मिठाई और चीनी की अपेक्षा गुड़ अधिक लाभकारी है। ★ गुड़ से कई प्रकार के पकवान बनाये जाते हैं जैसे- हलुआ, चूरमा तथा लपसी आदि। ★ गुड़ खाने से थकावट मिट जाती है। परिश्रमी लोगों के लिए गुड़ खाना अधिक लाभकारी है। मटके में जमाया हुआ गुड़ सबसे अच्छा होता है। ★ पुराना गुड़ का गुण : पुराना गुड़ हल्का तथा मीठा होता है। यह आंखों के रोग दूर करने वाला, भुख को बढ़ने वाला, पित्त को नष्ट करने वाला, शरीर में शक्ति को बढ़ाने वाला और वात रोग को नष्ट करने वाला तथा खून की खराबी को दूर करने वाला होता है। ★ अदरक के साथ गुड़ खाने से कफ खत्म होता है। हरड़ के साथ इसे खाने से पित्त दूर होता है तथा सोंठ के साथ गुड़ खाने से वात रोग नष्ट होता है। आधुनिक विज्ञान के अनुसार : 100 ग्राम गुड़ में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग खनिज द्रव्य होता है। चीनी में खनिज द्रव्यों और क्षारों का अभाव होता है। इसलिए चीनी की अपेक्षा गुड़ खाना अधिक लाभकारी होता ह

भोजन

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*-: भोजन:-* हम क्या/कितना खाते हैं, उससे भी ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण यह है कि हम उसे किस भाव-दशा में खाते हैं। हम आनंदित होकर खाते हैं, या दुखी होकर खाते हैं, उदास अवस्था में खाते हैं, चिंता में खाते हैं, या क्रोध से भरे हुए खाते हैं, या मन मार कर खाते हैं। *अगर हम चिंता में खाते हैं, तो श्रेष्‍ठतम भोजन के परिणाम भी ज़हरीले (poisonous) होंगे और अगर हम अपने आनंद में खाते हैं, तो जहर का परिणाम भी कमतर होने लगता है। खाना खाते समय हमारी भावदशा—आनंदपूर्ण, प्रसाद पूर्ण हो तो भोजन हमारे शरीर में अमृत समान कार्य करता है। अमूमन परिवार में भोजन के समय ही बात करने, अपने मत/निर्णय/पक्ष बताने के लिए सही समय मानते हैं, जिससे हमारा सारा जीवन ही विषाक्त हो जाता है। हम दिनभर की चिंता में/राजनैतिक पक्ष-विपक्ष/निंदा-चुगली/शिकायत या भोजन में ही कमी निकालने इत्यादि जैसे कार्य करके, न केवल भोजन, अपितु अपने पूरे जीवन की सारी भावदशा को ही रूग्ण किये जा रहे हैं। यदि भोजन बनाने, करने और कराने वालों के मन प्रसन्न हों और वर्तमान समय में रहकर, भोजन उगाने वाले/बनाने वाले/कमाने वाले के प्रति धन्यवाद-भाव से परिपूर्ण होकर

मुनक्का

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*-:मुनक्का:-* यह ठमैग्नीशियम, पोटेशियम और आयरन का पॉवर हाउस कहा जाता है। इसे भीगा हुआ खाने से शरीर में कैंसर कोशिकाएं नहीं बढ़ती हैं, जिससे आप इस बीमारी से बचे रहते हैं। साथ ही इसका सेवन एनीमिया, किडनी स्टोन, स्किन प्रॉब्लम्स और पेट की दिक्कतों से भी छुटकारा दिलाता है। *✍ कौशलेन्द्र वर्मा।*

अलसी के बीज

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*-:अलसी के बीज:-* यह ओमेगा- 3 फैटी के अलावा प्रोटीन, आयरन का भी अच्छा स्त्रोत हैं। इसको भिगोकर खाने से शरीर का बैड कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है और दिल स्वस्थ रहता है। साथ ही इससे मेनोपॉज के दौरान होने वाली समस्या भी कम होती हैं। *✍ कौशलेन्द्र वर्मा।*

खसखस

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*-:खसखस:-* थियामिन और पैंटोथेनिक एसिड से भरपूर खसखस का पूरा फायदा भी तभी मिलेगा जब आप इसे भिगोकर खाएंगे। इससे वजन कंट्रोल में रहता है और कई समस्याओं से भी बचे रहते हैं। *✍ कौशलेन्द्र वर्मा।*

मेथी दाना

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*-:मेथी दाना:-* फाइबर और फॉस्फोरस से भरपूर मेथी दाना डायबिटीज मरीजों के लिए एक अच्छी औषधी है। साथ ही इससे दांत व हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा नियमित रूप से इसका पानी पीने से किडनी स्टोन भी निकल जाता है। इतनी ही नहीं, इन्हें भिगोकर खाने से महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द भी कम होता है। *✍ कौशलेन्द्र वर्मा।*

सौंफ

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*-:सौंफ:-* इसको भिगोकर खाने या इसका पानी पीने से यूरिन प्रॉब्लम से बचाव होता है क्योंकि इसमें डाइयूरेटिक प्रॉपर्टीज होती हैं। जिससे पेसाव से जुड़ी समस्याएं दूर रहती हैं। इतना ही नहीं इससे पाचन भी दुरुस्त रहता है और आंखों की रोशनी तेज होती है। *✍ कौशलेन्द्र वर्मा।*

अंजीर

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*-:अंजीर:-* रोजाना 3 से 5 भिगी हुई अंजीर खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है। साथ ही दिल की बीमारियों की रोकथाम करते हैं। इसके अलावा इसमें कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।से *✍ कौशलेन्द्र वर्मा।*

बादाम

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*-: बादाम:-* इन्हें भिगोकर खाने से आईज की रोशनी और दिमाग तेज होता है। साथ ही इससे कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी कम होता है।  *✍ कौशलेन्द्र वर्मा।*

गुण हल्दी की

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*-:गुण हल्दी की:-* नजला, जुकाम, नाक बहना, नाक रुकना, बार बार छींक आना, नाक मे एलर्जी-•  इस दवाई के गुण हल्दी की क्वालिटी पर निर्भर हैं।• जितनी अच्छी हल्दी होगी उतना ही अधिक लाभहोगा।• 100 ग्राम साबुत हल्दी लें।• घुन लगे टुकड़ों को निकाल दे।• अच्छा होगा कि कच्ची हल्दी जो बाजार मे सब्जी बेचने वाले बेचते हैं वह ले।• उसके छोटे छोटे टुकड़े काट कर सूखा ले।• पीसी हुई हल्दी ना ले।• साबुत हल्दी के छोटे छोटे (गेहूं या चने के समान) टुकड़े कर ले।• एक लौहे की या पीतल की कड़ाही ले। ना मिले तो एल्यूमिनियम की कड़ाही ले।• स्टील या नॉन स्टिक की ना ले।• उसमे लगभग 25 ग्राम देशी घी डालकर हल्दी के टुकड़े धीमी आग पर भुने।• यदि किसी को घी नहीं खाना है तो वह बिना घी के भून सकता है।• हल्दी को इस प्रकार गरम करे कि ना तो वह जले और ना ही कच्ची रहे।• अब इसे आग से उतार कर पीस कर रख ले। प्रयोग विधि—• 1 छोटा चम्मच यह भुनी हुई हल्दी + 10 ग्राम गुड प्रतिदिन सुबह या शाम गरम दूध से ले।• जो अक्सर यात्रा करते हैं वह यह करे।• हल्दी और गुड बराबर मिलाकर रख ले।• 2 चम्मच यह दवाई गरम पानी से ले।• साथ मे बर्फी या पेड़ा खाए।• चाय से ना ले।

सोंफ के अद्वितीय गुण

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*-:सोंफ के अद्वितीय गुण:-*  दो दिन पहले वैज्ञानिको के एक ग्रुप के साथ बैठा था। कुछ विज्ञान कुछ बियर कुछ खाने के बाद स्वीट्स का दौर चल रहा था। यूँ ही बात करते करते किसी ने बात छेड़ दी विदेश में भोजन की। एक नए लड़के ने अपना एक्सपीरियंस बताया कि किस प्रकार उसके दोस्त को कोरिया में कुछ भी खाने को नही मिला तो उसको एक इंडियन ने थोड़ा सा दही का कल्चर दिया कि जा दही जमा ले। मतलब वहां दही भी नही मिलता। खैर अपन को इहाँ तक तो वार्ता में कोई इंटरेस्ट नही आ रहा था और हम चुपचाप अपना भोजन खा रहे थे। वहीं एक बक्टेरियोलॉजिस्ट भी बैठा था। इसी बात पर उसने यूँ ही कमेंट कर दिया कि हाँ जब पहली बार कभी दही का कल्चर बनाया गया होगा तो सौंफ से बनाया था।  हमारे कान खड़े हो गए। सौंफ? सौंफ से?? वही सौंफ जो हम हजारों सालों से खाने के बाद यूँ ही चबा लेते हैं या पान में डाल कर खाते आये हैं सदियों से। खड़े कान लिए हमने उस वैज्ञानिक का रूबरू किया और फिर पूछा सौंफ से दही का कल्चर? वो कैसे??  तो वैज्ञानिक महोदय ने बड़े कूल कूल बताया कि हां, सौंफ के सरफेस पर बहुत सारा लैक्टोबैसिलस होता है ना।  वो कहाँ से आता है सौंफ पर? हमने प

यौन शक्ति बढ़ाती है जरा सी दालचीनी

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*-:यौन शक्ति बढ़ाती है जरा सी दालचीनी:-* यौन शक्ति बढ़ाती है जरा सी दालचीनी, ऐसे करें इस्तेमाल वजन कम करना हो, सेक्स पावर बढ़ानी हो या सर्दी-जुकाम से निजात पाना हो, इन सब के लिए दालचीनी का प्रयोग काफी फायदेमंद रहता है। आइए जानते हैं कि ये मसाला आपके लिए और किस तरह से लाभकारी हो सकता है। ठंड आते ही लोगों को जोड़ों के दर्द की शिकायत होने लगती है। ज्यादातर इस समस्या से बुजुर्ग परेशान रहते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए गुनगुने पानी में शहद और दालचीनी पाउडर डालकर पेस्ट बना लें और इसे जोड़ों पर लगाएं। – कैंसर रोगियों के लिए भी दालचीनी लाभकारी होती है। एक महीने तक शहद के साथ इसका सेवन करने से कैंसर ठीक हो सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि सेक्स पावर बढ़ानी हो तो दालचीनी का नुस्खा आजमाएं। वीर्य गाढ़ा करे सम्भोग करने कि क्षमता बढ़ाने की आयुर्वेदिक औषधि‌ है ‌ *✍ कौशलेंद्र वर्मा।*